Saturday, September 19, 2009

यही किस्‍सा मशहूर है

सितारों के बीच से
चुराया था आपको
पर सच तो यही है
कि मिल के बिछडना तो दस्‍तूर है
जिन्‍दगी का
हां यही किस्‍सा मशहूर है जिन्‍दगी का
बीते हुए पल
वापिस नहीं आते
यही सबसे बडा कसूर है जिन्‍दगी का...

5 comments:

विनोद कुमार पांडेय said...

kavita sundar bhav liye hui hai..
badhayi..

Unknown said...

शब्दों पर भाव भारी है........

सुन्दर है, प्रभाव भारी है........

आपकी कविता

प्यारी है, बहुत प्यारी है......................बधाई !

Udan Tashtari said...

बिल्कुल, यथार्थ दर्शाति सुन्दर अभिव्यक्ति.

M VERMA said...

एहसास की बहुत खूबसूरत कविता.
बेहतरीन भाव की रचना

निर्मला कपिला said...

bबिलकुल सही सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें