Friday, May 22, 2009

षडयंत्र - आभा

क्‍या मैं
टूटती जा रही हूं

वह कैसी दुर्घटना थी
या कि था षडयंत्र

आदमी से पहले
उसका नाम
और फिर उसकी
पूरी दुनिया
छीन लेने का।

2 comments:

Udan Tashtari said...

गहन अभिव्यक्ति!!

M Verma said...

सोच की गहनता ---
बधाई